Inspritional Story of Indian Leader
हर कोई अपने जीवन में सफल होना चाहता हे और अपने सपनो को पूरा करना चाहता हे। लेकिन हर कोई तो अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता हे । वैसे भी हर एक इंसान अपने जीवन में बड़ी कामियाबी हासिल करना हे । लेकिन बड़ी कामियाबी हासिल करने के लिए महेनत और संघर्ष भी बड़ा करना पड़ता हे | और अगर हम सच्चे मन से एक बार ठान ले तो हमें कामियाब होने से स्वयं भगवन भी नहीं रोक सकते हे | तो आज हम आपको कुछ ऐसे भारतीय लोको की की लाइफ के बारे में बताते हे की जिन्होंने अपने संघर्ष से इतिहास बनाकर अपना नाम भारत में ही नहीं लेकिन पूरी विश्व में अमर कर दिया हे |
‘सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखें, सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें’
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CREATED BY - HARDIK PARMAR
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प्रारंभिक जीवन: भजिया विक्रेता.
उपलब्धि: रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक.
ग्रामीण गुजरात के दूरदराज इलाके में स्थित एक गांव के शिक्षक के बेटे ने सिर्फ़ 1000 डॉलर से रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की शुरुआत की थी. जो आज दुनिया की जानी-मानी कंपनियों में से एक है. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि जूनागढ़ के ‘बहादुर कांजी हाई स्कूल’ का पूर्व छात्र, जो 60 के दशक में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक चॉल में रहता था, विश्व की मशहूर कंपनियों में से एक का संस्थापक बनेगा.
2. दिलीप सांघवी
प्रारंभिक जीवन: ड्रग डिस्ट्रिब्यूटर (औषधि वितरक).
उपलब्धि: एशिया के सबसे धनी अरबपतियों में से एक.
1983 में पांच उत्पादों और पांच लोगों के साथ अपनी कंपनी की शुरुआत करने वाले दिलीप सांघवी आज भारत की प्रमुख दवा निर्माता कंपनी ‘सन फार्मास्युटिकल्स’ (Sun Pharmaceuticals) के संस्थापक हैं. इस कंपनी ने जब 1987 में राष्ट्रीय स्तर पर अपना उत्पाद बेचना शुरू किया था, तो इसका स्थान 108वां था. लेकिन आज ये 6वें नंबर पर है.
3. नारायण मूर्ति
प्रारंभिक जीवन: बिजनेस की शुरुआत 10,000 रुपये उधार लेकर की थी.
उपलब्धि: भारतीय आईटी सेक्टर के पिता.
आपमें से कई लोग इस बात से वाकिफ़ नहीं होंगे कि Infosys के संस्थापक ने 1981 में इस कंपनी की शुरुआत करने के लिए अपनी पत्नी से 10,000 रुपये उधार लिए थे.
4. करसनभाई पटेल
प्रारंभिक जीवन: भूविज्ञान (Geology) और खनन (Mining) विभाग में एक लैब सहायक.
उपलब्धि: निरमा समूह के संस्थापक.
खुद को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए करसनभाई पटेल ने भी दूसरों की तरह ही काफ़ी मेहनत की है. वे एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने मार्केटिंग के चारों P (प्रोडक्ट, प्राइस, प्लेस और प्रमोशन) का इस्तेमाल करके ‘निरमा’ को स्थापित किया है.
5. पेट्रीसिया नारायण
प्रारंभिक जीवन: घर का बना अचार, जैम और शरबत बेचती थीं.
उपलब्धि: चेन्नई में रेस्तरां की एक श्रृंखला की मालिक.
नशीली दवाओं के आदी अपने पति की गालियों और हिंसा से पीड़ित प्रेट्रीसिय ने 18 वर्ष की आयु में ही उसे छोड़ दिया था. इसके बाद उन्होंने घर का बना आचार, जैम और स्कवॉश बेचना शुरू किया. तब से प्रेट्रीसिया ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 30 सालों की मेहनत के बाद वो आज रेस्तरां की एक श्रृंखला की मालिक हैं.
6. इंद्रा नूयी
प्रारंभिक जीवन: अपनी कॉलेज की फीस चुकाने के लिए नाइट-शिफ़्ट करती थी.
उपलब्धि: दुनिया की सबसे बड़ी कपंनियों में से एक, PepsiCo कि सीईओ.
IIM कलकत्ता से MBA की पढ़ाई करते हुए इंद्रा ने ‘Yale Graduate School of Management’ से पढ़ाई करने के लिए भारत छोड़ दिया था. उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए नाइट-शिफ़्ट में काम किया. यहां तक अपनी पहली नौकरी के साक्षात्कार के लिए उन्हें एक पश्चिमी पोशाक खरीदने के लिए 50 डॉलर जोड़ने पड़े थे. 1994 में नूयी PepsiCo से जुड़ीं और आज वे इस कंपनी की Chairperson और CEO हैं.
7. शाहरुख खान
प्रारंभिक जीवन: जब मुंबई आए थे, तो सिर्फ़ 1500 रुपये जेब में थे.
उपलब्धि: किंग खान.
छोटे परदे से अपने अभिनय के करियर कि शुरुआत करने वाले शाहरुख आज बॉलीवुड के किंग है.
8. रजनीकांत
प्रारंभिक जीवन: बस कंडक्टर.
उपलब्धि: भारत के सबसे बड़े सितारों मे से एक.
रजनीकांत ने कुली से लेकर कारपेंटर और बस कंडक्टर तक का काम किया है. बाद में उन्होंने ‘मद्रास फ़िल्म इंस्टीट्यूट’ से जुड़ा एक एक्टिंग क्लासिस का विज्ञापन देखा और बिना परिवार वालों की मर्ज़ी के उसे ज्वाइन करने का निर्णय लिया. उसके बाद तो आप जानते ही हैं.
9. ए.पी.जे अब्दुल कलाम
प्रारंभिक जीवन: अपने परिवार की आर्थिक सहायता के लिए अख़बार बेचते थे.
उपलब्धि: भारत के 11वें राष्ट्रपति.
परिवार की आर्थिक सहायता के लिए बचपन में अखबार बेचने वाले कलाम सहाब ने विज्ञान के क्षेत्र में भारत को बड़ी सफ़लता दिलाई, जिसके बाद उन्हें मिसाइलमैन का नाम मिला था. यहां तक वे देश के 11वें राष्ट्रपति भी रहे.
10. सुशील कुमार
प्रारंभिक जीवन: एक बस कंडक्टर के बेटे.
उपलब्धि: ओलंपिक पदक विजेता.
सुशील ने कक्षा दो में पढ़ते हुए ही कुश्ती के मुकाबले में एक दस साल के लड़के को पछाड़ दिया था. इस घटना के बाद सुशील के परिवार ने उन्हें इस खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद सुशील ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
अगर आप जीवन में सफ़ल और कामयाब होना चाहते हैं तो रास्ते में आने वाली कठनाईयों से हार मानने की जगह उनका मुकाबला करना सीखो. शायद एक दिन आपका नाम भी एक ऐसी ही लिस्ट में शामिल हो.
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nice.
ReplyDeleteVery nice aap is articel ko bhi padhe kaise bana bill gates duniya ka sabse amir admi http://www.onlinefreehelp.com/2016/03/bill-gates-success-story-in-hindi.html
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