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22 की उम्र में बने थे IAS, अब नौकरी छोड़ बच्चों को देंगे फ्री में एजुकेशन
रोमन को पीएम ऑफिस से क्यों मिला बुलावा...
- वे शायद पहले आईएएस हैं, जिन्होंने बच्चों को पढ़ाने के लिए नौकरी छोड़ी है।
- रोमन जबलपुर (मध्य प्रदेश) में असिस्टेंट कलेक्टर थे। अब पूरा समय एजुकेशन स्टार्ट-अप ‘अनएकेडमी’ को देंगे।
- उनकी इस कोशिश की तारीफ करते हुए पीएमओ ने 16 जनवरी से होने वाले स्टार्ट-अप इंडिया में उन्हें बुलाया है।
स्कूल में दोस्त के साथ मिलकर सोचा आइडिया...
- रोमन और उनके दोस्त गौरव मुंजाल एकसाथ 11वीं में ट्यूशन पढ़ने जाते थे। उसी समय उनके दिमाग में ये आइडिया आया कि हर बच्चे को अच्छी ट्यूशन क्यों नहीं मिल सकती।
- अनएकेडमी की शुरुआत 2011 में यू-ट्यूब चैनल के रूप में हुई थी। इसे रोमन के दोस्त गौरव ने बनाया था।
- उन्होंने अब तक 10 लाख से ज्यादा वीडियो जारी किए हैं।
- इससे 5 लाख से ज्यादा बच्चों को फायदा हुआ।
- अभी तक 25 एजुकेटर्स से उनके प्लैटफॉर्म से जुड़े हैं।
चार दोस्तों की पहल
- इस पहल के लिए रोमन आईएएस की नौकरी तो गौरव ऑनलाइन रियल एस्टेट कंपनी फ्लैटचैट के सीईओ का पद छोड़ रहे हैं।
- दो और दोस्तों हेमेश व सचिन गुप्ता के साथ मिलकर अनएकेडमी.इन नाम से वेब प्लैटफॉर्म लॉन्च किया है।
इस फैसले के बारे में क्या बोले रोमन
पहले मेडिकल, फिर यूपीएससी...वजह?
-डॉक्टरी के दौरान एक गांव में काम किया। हालात देख लगा कि डॉक्टर के तौर पर सब बदलना संभव नहीं। आईएएस बनने की ठानी।
एजुकेटर बनने का ख्याल कैसे आया?
- यूपीएससी के लिए कोचिंग के दौरान लगा कि फाइनेंशियली कमजोर बच्चे हों या दूर-दराज इलाकों के बच्चे, सब तक क्वालिटी एजुकेशन की समान पहुंच ही समाज को बदल सकती है।
अब आपका क्या विजन है?
- सिविल सर्विस छोड़ने का फैसला कठिन था। हमारी पहल एजुकेशन की तस्वीर बदलेगी।
ऐप बनाएगा सबको टीचर
- जल्द ही अनएकेडमी का स्मार्टफोन ऐप लॉन्च किया जाएगा, जो सबको अपना ट्यूटोरियल वीडियो बनाने में सक्षम करेगा। व्यूज़ के आधार पर ही टीचरों की लोकप्रियता भी तय होगी। वीडियो और ऐप फ्री होंगे।
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CREATED BY - HARDIK PARMAR
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