Chandragupt Maurya ke bare me adbhut jankari
Mauray vansh ka sthapak Chandragupt Maurya
Latest Facts about
Chandragupt Maurya
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य भारत – India का एक बहुत ही महान सम्राट था और उसने ही मौर्या वंश की स्थापना की थी | वो मौर्या वंश का पहेला सम्राट था | और
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ही भारत का पहेला एसा सम्राट था जिसने भारत के सभी राज्यों को एक ही दोर में बंधकर सबको एक किया |
हालाकि Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य के बारे में बहुत कम ही माहिती प्राप्त होती हे | Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य का जन्म बिहार के पटना में हुआ था | उनकी माता का नाम मुरा था और एसा माना जाता हे की मुरा के नाम से ही इस वंश का नाम मौर्य वंश रखा गया हे |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य बचपन से ही एक बहुत महान योद्धा था | उसकी अच्छी Abilities को सबसे पहेले चाणक्य ने पहेचाना था और चाणक्य ही उसे अपने साथ ले जाकर उसे राजनीती के पाठ और युध्नीति सिखाई | और बाद में Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने चाणक्य के साथ मिलकर मौर्या वंश की स्थापना की |
मौर्य वंश की स्थापना करने के बाद Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने सबसे पहेले भारत के सभी राज्यों को एकत्रित करने का काम किया | और Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने अपना साम्राज्य बहुत ही महान बना लिया था |
सभी राज्यों को एकत्रित करने के बाद Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने चाणक्य के साथ
मिलकर एक बहुत ही मजबूत साम्राज्य और सबसे अच्छी संस्कृति बना ली और अपने देश में
सुख और न्याय की स्थापना की |
चाणक्य ने पुरे भारत में सभी जगह अपने गुप्तचरों को लगा
दिया था जो की आज से बहुत साल पहेले करना बहुत ही मुस्किल था और जासूसी की खोज भी
चाणक्य से ही शरु हुई थी | चाणक्य के पुरे भारत में गुप्तचरों की वजह से उन्हें
भारत के सभी राज्यों की सभी ख़ुफ़िया और सभी काम की जानकारी और सब कुछ मिल जाता था |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने सिकंदर के सेनापति
सेल्यूकस को एक बहुत ही बड़ी पराजय दी थी जो आज भी हमारे लिए गौरव की बात हे |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य के समय में ही ग्रीक
का राजदूत मेगस्थनीज भारत में आया था और उसने भी मौर्या वंश के बारे में बहुत ही
अच्छी बाते अपनि किताब इंडिका / Indika में लिखा हे |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने बाद में 42 साल की
उम्र में अपना सभी साम्राज्य बिन्दुसार को सोम्पकर जैन धर्मं का स्वीकार कर लिया |
यह एक बहुत ही काम की बाद हे की Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने आगे चलकर जैन धर्म
का पालन किया था क्युकी सब लोगो को यह पता होता हे की अशोक ने आगे चलकर बोद्ध धर्म
का स्वीकार किया था | Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने जैन धर्मं में
भद्रबाहू को अपना गुरु बनाया था |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने बिना कुछ खाये पिये
मृत्यु तक भारत के कुछ राज्यों का भ्रमण किया जिसे जैन धर्मं में सलेखाना या
संथारा कहेते हे |
★●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●★
★☆●BY – HARDIK.PARMAR ●☆★
★●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●★
Contact Us:
Whats App - +917048165679
E-Mail - hrdkprmr2@gmail.com
Facebook - www.facebook.com/hrdkprmr2
Chandragupt Maurya ke bare me adbhut jankari
Mauray vansh ka sthapak Chandragupt Maurya
Latest Facts about
Chandragupt Maurya
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य भारत – India का एक बहुत ही महान सम्राट था और उसने ही मौर्या वंश की स्थापना की थी | वो मौर्या वंश का पहेला सम्राट था | और
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ही भारत का पहेला एसा सम्राट था जिसने भारत के सभी राज्यों को एक ही दोर में बंधकर सबको एक किया |
हालाकि Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य के बारे में बहुत कम ही माहिती प्राप्त होती हे | Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य का जन्म बिहार के पटना में हुआ था | उनकी माता का नाम मुरा था और एसा माना जाता हे की मुरा के नाम से ही इस वंश का नाम मौर्य वंश रखा गया हे |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य बचपन से ही एक बहुत महान योद्धा था | उसकी अच्छी Abilities को सबसे पहेले चाणक्य ने पहेचाना था और चाणक्य ही उसे अपने साथ ले जाकर उसे राजनीती के पाठ और युध्नीति सिखाई | और बाद में Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने चाणक्य के साथ मिलकर मौर्या वंश की स्थापना की |
मौर्य वंश की स्थापना करने के बाद Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने सबसे पहेले भारत के सभी राज्यों को एकत्रित करने का काम किया | और Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने अपना साम्राज्य बहुत ही महान बना लिया था |
सभी राज्यों को एकत्रित करने के बाद Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने चाणक्य के साथ
मिलकर एक बहुत ही मजबूत साम्राज्य और सबसे अच्छी संस्कृति बना ली और अपने देश में
सुख और न्याय की स्थापना की |
चाणक्य ने पुरे भारत में सभी जगह अपने गुप्तचरों को लगा
दिया था जो की आज से बहुत साल पहेले करना बहुत ही मुस्किल था और जासूसी की खोज भी
चाणक्य से ही शरु हुई थी | चाणक्य के पुरे भारत में गुप्तचरों की वजह से उन्हें
भारत के सभी राज्यों की सभी ख़ुफ़िया और सभी काम की जानकारी और सब कुछ मिल जाता था |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने सिकंदर के सेनापति
सेल्यूकस को एक बहुत ही बड़ी पराजय दी थी जो आज भी हमारे लिए गौरव की बात हे |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य के समय में ही ग्रीक
का राजदूत मेगस्थनीज भारत में आया था और उसने भी मौर्या वंश के बारे में बहुत ही
अच्छी बाते अपनि किताब इंडिका / Indika में लिखा हे |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने बाद में 42 साल की
उम्र में अपना सभी साम्राज्य बिन्दुसार को सोम्पकर जैन धर्मं का स्वीकार कर लिया |
यह एक बहुत ही काम की बाद हे की Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने आगे चलकर जैन धर्म
का पालन किया था क्युकी सब लोगो को यह पता होता हे की अशोक ने आगे चलकर बोद्ध धर्म
का स्वीकार किया था | Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने जैन धर्मं में
भद्रबाहू को अपना गुरु बनाया था |
Chandragupt Maurya चन्द्रगुप्त मोर्य ने बिना कुछ खाये पिये
मृत्यु तक भारत के कुछ राज्यों का भ्रमण किया जिसे जैन धर्मं में सलेखाना या
संथारा कहेते हे |
★●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●★
★☆●BY – HARDIK.PARMAR ●☆★
★●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●★
Contact Us:
Whats App - +917048165679
E-Mail - hrdkprmr2@gmail.com
Facebook - www.facebook.com/hrdkprmr2
0 comments:
Post a Comment