The Girl Who Had Complete Her M.Sc at 15
सिर्फ 15 साल की उम्र में M.Sc कम्पलीट किया
इस दुनिया में कुछ लोग बोर्न ब्रिलिएंट होते हे तो कुछ लोग अपनी महेनत से अपने नसीब को भी बदल देते हे | और भारत में ऐसे लोगो की बिलकुल भी कमी नहीं हे की जिन्होंने अपनी मेहनत लगन और परिश्रम से अपने नसीब अपनी किस्मत और अपने भविष्य को बदल दिया हे | आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताते हे की जिसने सिर्फ 15 साल की उम्र में ही अपना M.Sc कम्पलीट कर दिया हे| वैसे तो हमारे आस पास के जयादातर बच्चे 15 साल की उम्र में अपने माता पिता की गॉड में रहते हे और उनके ही सपोर्ट से सब कुछ करते हे और खेल कूद में मस्त रहने वाले और मस्ती में जीनेवाले होते हे | लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हे जो अपने टैलेंट से कुछ सिद्धि हासिल करके खुद को महान साबित करके दुनिया को चौंका देते हे | तो फिर आज ऐसी हे एक लड़की की बात करते हे जिसका नाम हे सुषमा |
15 साल की उम्र में जब बच्चे वीडियो गेम्स और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपना ध्यान लगा रहें होते हैं, उस उम्र में लखनऊ की रहने वाली सुष्मा वर्मा ने बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर यूनिवर्सिटी से Msc. माइक्रोबायोलॉजी पूरी कर ली है.
किसी ने सही कहा है न “पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है”. साधनों के अभावों के बावजूद, 2007 में सुष्मा ने 10th पास की और इसकी वजह से सुष्मा का नाम लिम्का बुक्स ऑफ़ रिकार्ड्स में शामिल हो गया. जापान में हुए IQ टेस्ट के लिए 35 सदस्यों वाली टीम में सुष्मा को शामिल किया जा चुका है. एक वक्त सुष्मा डॉक्टर बनना चाहती थीं पर अंडर ऐज होने की वजह से UPPMT टेस्ट पास करने के बावजूद उसका यह सपना एक सपना ही रह गया.
सिर्फ 15 साल की उम्र में M.Sc कम्पलीट किया
इस दुनिया में कुछ लोग बोर्न ब्रिलिएंट होते हे तो कुछ लोग अपनी महेनत से अपने नसीब को भी बदल देते हे | और भारत में ऐसे लोगो की बिलकुल भी कमी नहीं हे की जिन्होंने अपनी मेहनत लगन और परिश्रम से अपने नसीब अपनी किस्मत और अपने भविष्य को बदल दिया हे | आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताते हे की जिसने सिर्फ 15 साल की उम्र में ही अपना M.Sc कम्पलीट कर दिया हे| वैसे तो हमारे आस पास के जयादातर बच्चे 15 साल की उम्र में अपने माता पिता की गॉड में रहते हे और उनके ही सपोर्ट से सब कुछ करते हे और खेल कूद में मस्त रहने वाले और मस्ती में जीनेवाले होते हे | लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हे जो अपने टैलेंट से कुछ सिद्धि हासिल करके खुद को महान साबित करके दुनिया को चौंका देते हे | तो फिर आज ऐसी हे एक लड़की की बात करते हे जिसका नाम हे सुषमा |
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CREATED BY - HARDIK
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15 साल की उम्र में जब बच्चे वीडियो गेम्स और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपना ध्यान लगा रहें होते हैं, उस उम्र में लखनऊ की रहने वाली सुष्मा वर्मा ने बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर यूनिवर्सिटी से Msc. माइक्रोबायोलॉजी पूरी कर ली है.
किसी ने सही कहा है न “पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है”. साधनों के अभावों के बावजूद, 2007 में सुष्मा ने 10th पास की और इसकी वजह से सुष्मा का नाम लिम्का बुक्स ऑफ़ रिकार्ड्स में शामिल हो गया. जापान में हुए IQ टेस्ट के लिए 35 सदस्यों वाली टीम में सुष्मा को शामिल किया जा चुका है. एक वक्त सुष्मा डॉक्टर बनना चाहती थीं पर अंडर ऐज होने की वजह से UPPMT टेस्ट पास करने के बावजूद उसका यह सपना एक सपना ही रह गया.
सुष्मा के पिता एक मजदूर हैं पर बेटी की प्रतिभा के कारण यूनिवर्सिटी के V.C. डॉ आर. सी. सोबती ने उन्हें यूनिवर्सिटी के सैनिटेशन विभाग में सुपरवाईज़र नियुक्त किया. पर सबसे बड़ी हेल्प ‘सुलभ इंटरनेशनल फाउंडेशन’ के बिन्देश्वर पाठक ने की. उन्होंने सुषमा को मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप देने के अलावा उसकी पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद भी की.
सुष्मा आगे एग्रीकल्चर माइक्रोबायोलॉजी में Phd. करना चाहती हैं. अंबेडकर यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी के हेड का कहना है कि ‘मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि ये लड़की Msc. तक पहुंचेगी’.
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hardik |
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