Samrat Ashok ke bare me adbhut jankari
Everything about Samrat Ashok
Samrat Ashok ke bare me puri jankari
Latest and Unknown Facts about Samrat Ashok
पिछली बार हमने मौर्य वंश के स्थापक
चन्द्रगुप्त मौर्य के बारे में बात की थी और उनके बारे में सभी इतिहास बताया था |
और चाणक्य तथा चाणक्यनिति के बारे में हम बहुत बार बात कर चुके हे | लेकिन आज कल
Colors channel एक बहुत ही लोकप्रिय और अच्छी serial आ रही हे जिसका नाम हे
Chakravarti Samrat Ashok | तो
आज हम इसी महान सम्राट अशोक के बारे में सभी जानकारी हासिल कर लेते हे |
तो चलिए जानते हे Latest and some unknown Facts about Samrat Ashok
इतिहास में बहुत सारे राजा तथा सम्राट हुए हे
लेकिन Samrat Ashok की
अलग ही पहेचान हे | Samrat Ashok
मौर्य वंश के स्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य में प्रपोत्र थे | और अशोक के पिता का नाम
बिन्दुसार और माता का नाम देवी धर्मा था |
अशोक बचपन से ही बहुत साहसी और युद्ध निति में
महारथी थे बचपन में उनके पास चाणक्य जैसा कोई गुरु नहीं था लेकिन वो उन्हें बाद
में मिला था |
चन्द्रगुप्त मौर्य का उद्देश्य मगध पर से नन्द
वंश को ख़तम करना था जब की अशोक का उद्देश्य था की वो अपने ही परिवार में छुपे मगध
के दुश्मनों को ढूंढ़कर उन्हें ख़तम करके मगध की रक्षा करे | और इसीलिए अशोक का
जयादातर समय अपने खुद के ही परिवार के साथ युद्ध करने में बिट गया |
1. अशोक का जन्म बिन्दुसार की एक बहुत ही नीची
जाती की और नीची कक्षा की रानी से हुआ था |
अशोक की माता सुभंद्रन्गिनी (रानी धर्मा) की
गणना सम्राट बिन्दुसार की सबसे नीची रानी में होती थी | बिन्दुसार की दूसरी रानियो
की तरह वो किसी राज्य की राजकुमारी नहीं थी लेकिन एक गरीब कुटुंब से थी | वो बहुत
ही खुबसूरत थी और ऐसा कहा जाता था की सुभंद्रन्गिनी (रानी धर्मा) का पुत्र ही
चक्रवर्ती सम्राट बनेगा इसीलिए बिन्दुसार की उससे शादी हुई | बिन्दुसार की दूसरी
सभी रानी सुभंद्रन्गिनी (रानी धर्मा) से जलन होती थी |
2. अशोक के पिता बिन्दुसार पहेले अशोक से प्यार
नहीं करते थे |
हालाकि अभी कलर्स पर आ रही serial में अशोक और
उसके पिता बिद्नुसार के बिच में एक बहुत ही अच्छा Relation बताया गया हे लेकिन ऐसा कभी नहीं था | और
बिन्दुसार ने अशोक को पहेले कभी पसंद नहीं किया था | कुछ किताबो के अनुसार तो यह
कहा जाता हे की अशोक दिखने में अच्छा नहीं होने के वजह से कई बार अपने पिता की और
से ही मजाक का पत्र बन जाता था | लेकिन अशोक ने खुद ही अपनी skill और महेनत से
अपनी खुद की पहेचान उसके पिता के पर और अपने भाइओ पर बनायीं थी |
3. अशोक ने अपनी पहेली पत्नी देवी को उज्जैन
में ही छोड़ दिया था जब उन्हें फिर से पाटलिपुत्र बुलाया गया |
जब अशोक 18 साल का था तब उन्हें उज्जैन भेजा
गया था | मगध की और से वहा के प्रतिनिधि के रूप में | (As a viceroy)| और इसी समय में उज्जैन में ही अशोक का अपनी पहेली पत्नी देवी से मिलन
हुआ था | अशोक की पहेली पत्नी देवी विधिसा के एक वेपारी की पुत्री थी और बाद में
देवी और अशोक की शादी हुई | अशोक को अपनी पहेली पत्नी देवी से महेन्द नाम पुत्र और
संधमित्रा नाम की पुत्री हुई| महेंद्र और संघमित्रा दोनों ही बौद्ध धर्म को प्रचार
करने के लिए जाने जाते हे | उन दोनों ने ही बौद्ध धर्म को China और shrilanka में
फेलाया था |
और जब अशोक को फिर से पाटलिपुत्र बुलाया गया तब
वो अकेले ही अपने परिवार को उज्जैन में ही छोड़कर पाटलिपुत्र चले गए | ऐसा कहा जाता
था की देवी एक वेपारी की पुत्री होने की वजह से एक राजकुमार की पत्नी होने योग्य
नहीं थी | इसीलिए अशोक की दूसरी पत्नी असंधिमित्रा जो की एक राजकुमारी थी वही वहा
की मुख्य रानी बनी |
3.खुद बिन्दुसार ने ही अपने पुत्र अशोक को अपने
राज्य से बहार निकलने का (देशनिकाल) का आदेश दिया था |
अशोक का भाई सुशीम बिन्दुसार का प्रिय पुत्र था
और अशोक सुशीम के लिए बहुत साडी मुसीबते खड़ी कर रहा था | और अशोक के रहेते सुशीम
को राजा कभी नहीं बनाया जाता क्यूंकि अशोक सुशीम से ज्यादा सक्षम और ताकतवर था |
इसीलिए सुशीम ने षड़यंत्र बनाकर अशोक को तक्षशिला भेज दिया | अशोक को तक्षशिला
भेजने के लिए सुशीम ने बिन्दुसार को अशोक के विरुद्ध की बाते की |
देशनिकाल की वजह से अशोक को करीब 2 साल तक
पाटलिपुत्र से बहार रहेना पड़ा और इसी समय में अशोक की मुलाकात कौरवकी - Kaurwaki से हुई जो की भविष्य में अशोक की
दूसरी पत्नी बनने वाली थी | कौरवकी -
Kaurwaki एक माछिमार / Fishermen की पुत्री थी |
4. अपने सभी भाईओ से मिल रहे षड्यंत्रों से
थककर अशोक ने ही उसके सभी भाईओ को मार डाला|
बिन्दुसार की मृत्यु के बाद सभी भाईओ के बिच
में मगध के उत्तराधिकारी के लिए युद्ध होने लगा और इस युद्ध में अशोक ने अपने सभी
भाईओ को मार डाला और सिर्फ अपने एक भाई तीस्य / Tishya को ही जीवित रखा | ऐसी बात
कही जाती हे की अशोक ने अपने 99 भाईओ को मार डाला था लेकिन वो एक जुठ हे सच ये हे
की अशोक ने सिर्फ अपने 6 भाईओ को ही मारा था |
इन सभी बातो से पता चलता हे की अशोक पहेले से ही सम्राट नहीं था और न ही ऐसा
था की वो बिना कुछ किये ही सम्राट बन गया हो | वो अपनी महेनत, लगन, और सबसे लड़कर
एक महान सम्राट बना था |
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पिछली बार हमने मौर्य वंश के स्थापक
चन्द्रगुप्त मौर्य के बारे में बात की थी और उनके बारे में सभी इतिहास बताया था |
और चाणक्य तथा चाणक्यनिति के बारे में हम बहुत बार बात कर चुके हे | लेकिन आज कल
Colors channel एक बहुत ही लोकप्रिय और अच्छी serial आ रही हे जिसका नाम हे
Chakravarti Samrat Ashok | तो
आज हम इसी महान सम्राट अशोक के बारे में सभी जानकारी हासिल कर लेते हे |
तो चलिए जानते हे Latest and some unknown Facts about Samrat Ashok
इतिहास में बहुत सारे राजा तथा सम्राट हुए हे
लेकिन Samrat Ashok की
अलग ही पहेचान हे | Samrat Ashok
मौर्य वंश के स्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य में प्रपोत्र थे | और अशोक के पिता का नाम
बिन्दुसार और माता का नाम देवी धर्मा था |
अशोक बचपन से ही बहुत साहसी और युद्ध निति में
महारथी थे बचपन में उनके पास चाणक्य जैसा कोई गुरु नहीं था लेकिन वो उन्हें बाद
में मिला था |
चन्द्रगुप्त मौर्य का उद्देश्य मगध पर से नन्द
वंश को ख़तम करना था जब की अशोक का उद्देश्य था की वो अपने ही परिवार में छुपे मगध
के दुश्मनों को ढूंढ़कर उन्हें ख़तम करके मगध की रक्षा करे | और इसीलिए अशोक का
जयादातर समय अपने खुद के ही परिवार के साथ युद्ध करने में बिट गया |
1. अशोक का जन्म बिन्दुसार की एक बहुत ही नीची
जाती की और नीची कक्षा की रानी से हुआ था |
अशोक की माता सुभंद्रन्गिनी (रानी धर्मा) की
गणना सम्राट बिन्दुसार की सबसे नीची रानी में होती थी | बिन्दुसार की दूसरी रानियो
की तरह वो किसी राज्य की राजकुमारी नहीं थी लेकिन एक गरीब कुटुंब से थी | वो बहुत
ही खुबसूरत थी और ऐसा कहा जाता था की सुभंद्रन्गिनी (रानी धर्मा) का पुत्र ही
चक्रवर्ती सम्राट बनेगा इसीलिए बिन्दुसार की उससे शादी हुई | बिन्दुसार की दूसरी
सभी रानी सुभंद्रन्गिनी (रानी धर्मा) से जलन होती थी |
2. अशोक के पिता बिन्दुसार पहेले अशोक से प्यार
नहीं करते थे |
हालाकि अभी कलर्स पर आ रही serial में अशोक और
उसके पिता बिद्नुसार के बिच में एक बहुत ही अच्छा Relation बताया गया हे लेकिन ऐसा कभी नहीं था | और
बिन्दुसार ने अशोक को पहेले कभी पसंद नहीं किया था | कुछ किताबो के अनुसार तो यह
कहा जाता हे की अशोक दिखने में अच्छा नहीं होने के वजह से कई बार अपने पिता की और
से ही मजाक का पत्र बन जाता था | लेकिन अशोक ने खुद ही अपनी skill और महेनत से
अपनी खुद की पहेचान उसके पिता के पर और अपने भाइओ पर बनायीं थी |
3. अशोक ने अपनी पहेली पत्नी देवी को उज्जैन
में ही छोड़ दिया था जब उन्हें फिर से पाटलिपुत्र बुलाया गया |
जब अशोक 18 साल का था तब उन्हें उज्जैन भेजा
गया था | मगध की और से वहा के प्रतिनिधि के रूप में | (As a viceroy)| और इसी समय में उज्जैन में ही अशोक का अपनी पहेली पत्नी देवी से मिलन
हुआ था | अशोक की पहेली पत्नी देवी विधिसा के एक वेपारी की पुत्री थी और बाद में
देवी और अशोक की शादी हुई | अशोक को अपनी पहेली पत्नी देवी से महेन्द नाम पुत्र और
संधमित्रा नाम की पुत्री हुई| महेंद्र और संघमित्रा दोनों ही बौद्ध धर्म को प्रचार
करने के लिए जाने जाते हे | उन दोनों ने ही बौद्ध धर्म को China और shrilanka में
फेलाया था |
और जब अशोक को फिर से पाटलिपुत्र बुलाया गया तब
वो अकेले ही अपने परिवार को उज्जैन में ही छोड़कर पाटलिपुत्र चले गए | ऐसा कहा जाता
था की देवी एक वेपारी की पुत्री होने की वजह से एक राजकुमार की पत्नी होने योग्य
नहीं थी | इसीलिए अशोक की दूसरी पत्नी असंधिमित्रा जो की एक राजकुमारी थी वही वहा
की मुख्य रानी बनी |
3.खुद बिन्दुसार ने ही अपने पुत्र अशोक को अपने
राज्य से बहार निकलने का (देशनिकाल) का आदेश दिया था |
अशोक का भाई सुशीम बिन्दुसार का प्रिय पुत्र था
और अशोक सुशीम के लिए बहुत साडी मुसीबते खड़ी कर रहा था | और अशोक के रहेते सुशीम
को राजा कभी नहीं बनाया जाता क्यूंकि अशोक सुशीम से ज्यादा सक्षम और ताकतवर था |
इसीलिए सुशीम ने षड़यंत्र बनाकर अशोक को तक्षशिला भेज दिया | अशोक को तक्षशिला
भेजने के लिए सुशीम ने बिन्दुसार को अशोक के विरुद्ध की बाते की |
देशनिकाल की वजह से अशोक को करीब 2 साल तक
पाटलिपुत्र से बहार रहेना पड़ा और इसी समय में अशोक की मुलाकात कौरवकी - Kaurwaki से हुई जो की भविष्य में अशोक की
दूसरी पत्नी बनने वाली थी | कौरवकी -
Kaurwaki एक माछिमार / Fishermen की पुत्री थी |
4. अपने सभी भाईओ से मिल रहे षड्यंत्रों से
थककर अशोक ने ही उसके सभी भाईओ को मार डाला|
बिन्दुसार की मृत्यु के बाद सभी भाईओ के बिच
में मगध के उत्तराधिकारी के लिए युद्ध होने लगा और इस युद्ध में अशोक ने अपने सभी
भाईओ को मार डाला और सिर्फ अपने एक भाई तीस्य / Tishya को ही जीवित रखा | ऐसी बात
कही जाती हे की अशोक ने अपने 99 भाईओ को मार डाला था लेकिन वो एक जुठ हे सच ये हे
की अशोक ने सिर्फ अपने 6 भाईओ को ही मारा था |
इन सभी बातो से पता चलता हे की अशोक पहेले से ही सम्राट नहीं था और न ही ऐसा
था की वो बिना कुछ किये ही सम्राट बन गया हो | वो अपनी महेनत, लगन, और सबसे लड़कर
एक महान सम्राट बना था |
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