Monday 13 July 2015

KUCH AESE BHARTIYA KHILADI KE BAARE ME JINHONE APNA NAAM SMAGRA VISHVA ME ROSHAN KIYA LEKIN CRICKET KE KHEL ME NAHI

JANIYE KUCH AESE BHARTIYA KHILADI KE BAARE ME JINHONE APNA NAAM SMAGRA VISHVA ME ROSHAN KIYA LEKIN CRICKET KE KHEL ME NAHI.

BHART ME AESE BAHUT SE KHILADI HE KI JINHONE APNA NAAM ALAG ALAG KHEL ME IS VISHV ME ROSHAN KIYA HE LEKIN HAMARE BHARAT KA YAH DURBHAGYA HE KI YAHA PAR SIRF CRICKET JESE KHEL KO HI SANMAAN MILTA HE OR CRICKET JUDE KHILADIYO KO HI LOG JANTE HE. TO AAIAE JANTE KUCH AESE KHILADIYO KE BAARE ME....

1. जिमी जॉर्ज

जिमी पहले भारतीय वॉलीबॉल प्लेयर थे जिन्होनें पेशेवर तरीके से वॉलीबॉल खेलना शुरू किया और क्लब वॉलीबॉल में भाग लेने इटली भी गए थे. जिमी ने इटली में 6 सीज़न्स तक वॉलीबॉल खेला जहां उनके प्रदर्शन की वजह से उनके बहुत से fans भी बने. सब ये देख कर हैरान रह जाते कि जिमी कैसे दूसरों से ऊपर उछल कर बॉल मार देते थे. जिमी भारतीय वॉलीबॉल टीम के सदस्य थे और तेहरान (1974), बैंगकॉक (1978) और सीओल (1986) एशियाई खेलों में टीम का नेतृत्व भी किया था. उनके प्रदर्शन की वजह से 1986 एशियाई खेलों में भारत ने वॉलीबॉल में कांस्य पदक जीता. इसके अलावा 1986 में हैदराबाद में हुए, इंडिया गोल्ड कप इंटरनेशनल वॉलीबॉल टूर्नामेंट में उन्होंने भारत को स्वर्ण पदक भी जिताया. वॉलीबॉल खेल के प्रशंसक जिमी को कभी नहीं भूलेंगे.

Source: thehindu

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2. रामानाथन कृष्णन

रामानाथन कृष्णन एकलौते भारतीय टेनिस प्लेयर थे जो दुनिया के 5 सबसे बेहतरीन टेनिस प्लेयर्स की रैंकिंग में से एक थे, वो भी पांच बार. भारत की तरफ़ से खेलते हुए उन्होंने डेविस कप में 69 सिंगल गेम्स में से 50 जीते और 29 डबल गेम्स में से 19. विम्बलडन के 2 बार सेमी-फाइनलिस्ट रहे रामानाथन ने दुनिया के 58 दूसरे टूर्नामेंट्स भी जीते हैं, जिसमें 1954 का जूनियर विम्बलडन सिंगल टाइटल भी शामिल है. उनकी वजह से ही आगे आने वाली पीढ़ी की टेनिस में रूचि बढ़ी.

Source: chennaifirst

3. भारतीय हॉकी टीम

हॉकी हमारे देश का राष्ट्रीय खेल है और भारतीय टीम ने अभी तक ओलंपिक्स में 8 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य पदक जीते हैं, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है. ख़ासकर 1928 से 1956 के बीच भारतीय हॉकी टीम ने 6 ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीते थे. ओलिंपिक खेलों के इतिहास में ये किसी भी टीम का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रहा है.

Source: wikimedia

4. जीव मिल्खा सिंह

गोल्फ़ भारत में ज़्यादातर शौकिया तौर पर ही खेला जाता है लेकिन जीव मिल्खा सिंह ने इस खेल को पेशेवर तरीके से खेलते हुए, बहुत से टूर्नामेंट्स जीते हैं. जीव, भारत के सबसे सफ़ल गोल्फर्स में से एक हैं. उन्होंने 3 यूरोपियन, 4 जापान गोल्फ़ टूर और 6 एशियाई गोल्फ़ टूर के टाइटल जीते हैं. किसी भी गोल्फ़ प्लेयर के लिए ये सारे कीर्तिमान बहुत मायने रखते हैं, खासकर भारत में जहां गोल्फ़ इतना प्रसिद्ध नहीं है.

Source: theepochtimes

5. प्रकाश पादुकोण

प्रकाश ने 1971 में बैडमिंटन की राष्ट्रीय सीनियर चैंपियनशिप जीती थी जब वो सिर्फ़ 16 साल के थे. इस जीत ने उन्हें इतिहास का सबसे कम उम्र का विजेता बना दिया था. लेकिन प्रकाश पादुकोण यहां रुके नहीं, उन्होंने इस जीत के बाद लगातार 9 राष्ट्रीय टाइटल भी जीते. 1978 के कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता और उसके बाद स्वीडिश ओपन और डेनिश ओपन जीत कर पूरे यूरोप में तहलका मचा दिया. प्रकाश पादुकोण के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी 1980 में ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीतना. ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय थे.

Source: dreamaboutsports

6. पंकज आडवाणी

पंकज आडवाणी दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने स्नूकर और बिलियर्ड्स के सारे वर्ल्ड टाइटल जीते हैं. आडवाणी की इतनी सारी उपलब्धियां हैं कि किसी एक को चुनना बहुत मुश्किल होगा. लेकिन ये बात जान कर आपको ख़ुशी होगी कि आडवाणी 12 बार दुनिया के स्नूकर और बिलियर्ड्स चैंपियन रह चुके हैं. वैसे तो स्नूकर और बिलियर्ड्स दिखने में एक जैसे लगते हैं लेकिन दोनों में ज़मीन-आसमान का फ़र्क है और इसीलिए पंकज आडवाणी की ये उपलब्धियां बहुत ही अनमोल हैं.

Source: sportskeeda

7. विश्वनाथन आनंद

आनंद को प्यार से "लाइटनिंग किड" कहा जाता है क्योंकि सिर्फ़ 18 साल की उम्र में चैस के ग्रैंडमास्टर बनने वाले वो पहले भारतीय थे. आनंद ने चैस की सारी वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती हैं और उनके नाम पर एक गृह का नाम भी रखा गया है.

Source: buffernews

8. नारायण कार्तिकेयन

2005 में जब नारायण ने Australian Grand Prix में भाग लिया तब वो बन गए भारत के पहले फार्मूला 1 ड्राइवर. मज़े की बात ये थी कि इस रेस उन्होंने रेसिंग जगत के हरफ़नमौला ड्राइवर माइकल शूमाकर को हराया था. उस साल US Grand Prix में भी वो चौथे नंबर पर आये थे.

Source: star24x7

9. भारतीय कबड्डी टीम

ये जान कर आपको बेहद ख़ुशी होगी कि भारत की महिला और पुरुष कबड्डी टीमों ने आज तक सारे वर्ल्ड कबड्डी वर्ल्ड कप जीते हैं. ऐसा आज तक किसी भी खेल में किसी भी टीम ने नहीं किया है. आशा करते हैं कि ये कीर्तिमान सदा भारत के नाम ही रहेगा.

Source: ndtv

10. पीटी उषा

पीटी उषा का नाम किसने नहीं सुना है लेकिन आप शायद ये बात नहीं जानते होंगे कि 1986 के सीओल एशियाई गेम्स में उन्होंने 4 स्वर्ण पदक जीते थे और उन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ एथलीट की ट्रॉफी भी मिली थी.

Source: khelnama

11. मिहिर सेन

मिहिर पहले भारतीय थे जिन्होनें इंग्लिश चैनल तैर कर पार की थी.

Source: telegraphindia

12. ए मारिया इरूदायम

मारिया कैरम के खेल के २ बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं और 9 बार राष्ट्रीय चैंपियन.

Source: sportskeeda


BY - HARDIK PARMAR
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