Whats App na Khub j Saras Status
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★☆●BY – HARDIK.PARMAR ●☆★
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"कफ़न" भी क्या चीज हे !
जिसने बनाया उसने बेच दिया ,
जिसने खरीदा उसने इस्तेमाल ही नही किया !
और जिसने इस्तेमाल किया उसे मालूम ही नहीँ !!!!!
जिसने खरीदा उसने इस्तेमाल ही नही किया !
और जिसने इस्तेमाल किया उसे मालूम ही नहीँ !!!!!
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जीतने का सबसे ज्यादा
मज़ा तब आता है......
जब बाकी सब तुम्हारी
हार का इंतज़ार कर रहे हो...
ना तो नास्तिक होता हॆ
ना ही आस्तिक होता है
सच्चा व्यक्ति हर समय
वास्तविक होता है ।"
कि वो लोग तेरे काबिल ही नहीं थे, जिन्हें मैंने दूर
किया है....!!
"रात भर चलती रहती हैउँगलियाँ मोबाइल पर"किताब सीने पे रखकर सोये हूए एक जमाना हो गया"
हमने भी हसकर बोला अपनी बर्बादी को कौन
भूल सकता है
सोचता हूँ कुछ ख्वाब जलाए जाए...
कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे.
मैं तुम्हें बेपनाह चाहूँगा
और तुम बेवजह छोड़कर चली जाना...!!!
तो मुस्कुरा कर छोड़ना...!!!
ताकि दुनिया ये ना समझे,
हम में दूरी हो गई...!!!
मेरे एक सवाल का वो कितने जवाब लाई थी...
और आप बेकार में ही इतना संवरते हो...:
किसी को लग ना जायें...इसलिए सबसे दूर हो गये...!”
एक दिन तू भी किताबों से निकाली जाएगी।।
जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें..
जो इश्क़ हमसे शीखा था..
अब वो किससे करते हो|
तू वाकिफ़ नहीं मेरी दीवानगी से,
जिद्द पर आऊँ तो ख़ुदा भी ढूंढ लूँ...
जबसे
बनने लगी
छोटे घर वालो के
नसीब में
सूरज कहा..!!!
कल हम मंदिर में भी हो सकते है
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मगर एक मीठा सत्य यह भी है की :-
"अगर यह जिन्दगी बुरी होती तो जाते-जाते लोगों को
रुलाकर न जाते...!!
"खुश रहा करो" कभी कभी वजह भी दे दिया करो...
साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं
खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी...
रु पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है.......
अगर बनना है तो उस तालाब की तरह बनों
जहां शेर भी पानी पीता है और बकरी भी!!
मगर सर झुका के..।।
और रोज मरता हूँ, ना कहने से..
मोहब्बत तो हमारी है पर मर्जी सिर्फ
तुम्हारी है।
पंख उडने को है, ये भी भूल गये.....!!
तू जरा हिम्मत तो कर।
ख्वाब बदलेंगे हकीकत में,
तू ज़रा कोशिश तो कर॥
आंधियां सदा चलती नहीं,
मुश्किलें सदा रहती नहीं।
मिलेगी तुझे मंजिल तेरी,
बस तू ज़रा कोशिश तो कर॥
जब बाकी सब तुम्हारी
हार का इंतज़ार कर रहे हो...
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"सच्चा व्यक्ति ना तो नास्तिक होता हॆ
ना ही आस्तिक होता है
सच्चा व्यक्ति हर समय
वास्तविक होता है ।"
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तकदीर ने यह कहकर, बङी तसल्ली दी है मुझे..., कि वो लोग तेरे काबिल ही नहीं थे, जिन्हें मैंने दूर
किया है....!!
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जरूरी नहीं कि कुत्ता ही वफादार निकले… वक़्त आने पर आपका वफादार भी कुत्ता निकल सकता है !!!
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पत्थरो को गहनो से लदा देखा है.. नन्हे-नन्हे हाथो को 1-1 रूपये के लिए फैला देखा है
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ग़रीबों से करीब का रिश्ता भी छुपाते हैं लोग और अमीरों से दूर का रिश्ता भी बड़ा चढ़ा कर बताते हैं लोग...!!
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: हर शख्स परिन्दोँ का हमदर्द नही होता मेरे दोस्त.। . बहुत बे दर्द बेठे हैँ दुनिया मैँ जाल बिछाने वाले.।
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वो बोली क्या अब भी हमारी याद आती हैहमने भी हसकर बोला अपनी बर्बादी को कौन
भूल सकता है
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बहुत अँधेरा सा है दिल का कमरा… सोचता हूँ कुछ ख्वाब जलाए जाए...
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मेरी हर सास तेरे नाम लिखी हो जैसे.... कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे.
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आओ फिर से दोहरायें अपनी कहानी...!!!मैं तुम्हें बेपनाह चाहूँगा
और तुम बेवजह छोड़कर चली जाना...!!!
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साथ जब भी छोड़ना, तो मुस्कुरा कर छोड़ना...!!!
ताकि दुनिया ये ना समझे,
हम में दूरी हो गई...!!!
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उसके हाथ मेँ थे, मेरे खत के हज़ार टुकङे,मेरे एक सवाल का वो कितने जवाब लाई थी...
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हम तो बस तेरी सादगी पर मरते हैं...और आप बेकार में ही इतना संवरते हो...:
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“टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गये...,किसी को लग ना जायें...इसलिए सबसे दूर हो गये...!”
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ऐ मोहब्बत लफ़्ज़ बन कर इतनी संजीदा न हो।। एक दिन तू भी किताबों से निकाली जाएगी।।
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एक बात पूछें तुमसे..जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें..
जो इश्क़ हमसे शीखा था..
अब वो किससे करते हो|
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http://www.hardiksinspritionalstory.com तू वाकिफ़ नहीं मेरी दीवानगी से,
जिद्द पर आऊँ तो ख़ुदा भी ढूंढ लूँ...
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बड़ी इमारतेजबसे
बनने लगी
छोटे घर वालो के
नसीब में
सूरज कहा..!!!
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हमें पत्थर समझ कर यु न ठुकराओ कल हम मंदिर में भी हो सकते है
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"अगर जिन्दगी इतनी अच्छी होती तो हम इस दुनिया में रोते- रोते न आते.....!!मगर एक मीठा सत्य यह भी है की :-
"अगर यह जिन्दगी बुरी होती तो जाते-जाते लोगों को
रुलाकर न जाते...!!
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मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का.....
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मशवरा तो खूब देते हो"खुश रहा करो" कभी कभी वजह भी दे दिया करो...
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कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं....
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गठरी बाँध बैठा है अनाड़ीसाथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं
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मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए....
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जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..
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बचपन भी कमाल का थाखेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी...
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खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते भगवान को हैं...
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अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है की,माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये....
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जिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है..सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है...
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खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है...
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ज़िंदगी भी विडियो गेम सी हो गयी है एक लैवल क्रॉस करो तो अगला लैवल और मुश्किल आ जाता हैं.....
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इतनी चाहत तो लाखो रु पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है.......
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हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो , क्योंकि इन्सान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है ..
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समंदर बनके क्या फायदा.अगर बनना है तो उस तालाब की तरह बनों
जहां शेर भी पानी पीता है और बकरी भी!!
मगर सर झुका के..।।
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पसंद है मुझे.. उन लोगों से हारना... जो लोग मेरे हारने की वजह से पहली बार जीते हों..
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डरता हूँ कुछ कहने से,,और रोज मरता हूँ, ना कहने से..
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चाहो तो छोड़ दो चाहो तो निभा लो,मोहब्बत तो हमारी है पर मर्जी सिर्फ
तुम्हारी है।
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धोसला बनाने मे हम यु मशगुल हो गयेपंख उडने को है, ये भी भूल गये.....!!
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मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में,तू जरा हिम्मत तो कर।
ख्वाब बदलेंगे हकीकत में,
तू ज़रा कोशिश तो कर॥
आंधियां सदा चलती नहीं,
मुश्किलें सदा रहती नहीं।
मिलेगी तुझे मंजिल तेरी,
बस तू ज़रा कोशिश तो कर॥
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बडा हि खामोसी सा अन्दाझ हे तुम्हरा हे तुम्हारा पता ही नहीं चलता की फ़िदा हो जाउ या फनाह हो जाऊ |
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उसकी धाक सैकड़ों पे थी , गिनती भी उसकी शहर के बड़े-बड़ों में थी..
दफन…वो केवल छ: फिट के गड्ढे में हुआ , जबकि जमीन उसके नाम तो कई एकड़ों में थी !
दफन…वो केवल छ: फिट के गड्ढे में हुआ , जबकि जमीन उसके नाम तो कई एकड़ों में थी !
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लफ्ज़ मेरी पहचान बने तो बेहतर है.... चेहरे का क्या है... वो तो मेरे साथ चला जायेगा....
लफ्ज़ मेरी पहचान बने तो बेहतर है.... चेहरे का क्या है... वो तो मेरे साथ चला जायेगा....
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करेगा जमाना कदर हमारी भी एक दिन....जरा
ये भलाई की बुरी आदत छुट जाने दो.....
ये भलाई की बुरी आदत छुट जाने दो.....
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मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो तुम...अरे ओ पागल, मोहब्बत खुद
तलाश करती है जिसे बर्बाद करना ह
तलाश करती है जिसे बर्बाद करना ह
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तूम बात करने का मौका तो दो...
कसम से,,,,,,
रूला देंगे तूम्हें तूम्हारे ही सितम गिनाते गिनाते..
कसम से,,,,,,
रूला देंगे तूम्हें तूम्हारे ही सितम गिनाते गिनाते..
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उसने मुझे छोड दिया तो क्या हुआ, हमने भी तो छोडा था सारा जहाँ उसके लिए.........
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मांगो तो अपने रब से मांगो , जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत , लेकिन दुनिया से हरगिज मत मांगना , क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी ..
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आंखें खुली तो जाग उठी हसरतें तमाम, उसे भी हमने खों दिया जिसे पाया था ख्वाबों में..!!
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भरे बाज़ार से अक्सर मैं खाली हाथ आता हूँ..!
पहले पैसे नहीं थे, अब ख्वाइश नहीं रही..!!
पहले पैसे नहीं थे, अब ख्वाइश नहीं रही..!!
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मैंने अपने आप को हमेशा बादशाह समझा, एहसास तब हुआ जब तुझे माँगा फकीरों की तरह।
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वो शौक ही क्या..
जिसकी कीमत ना चुकानी पड़े...!!
जिसकी कीमत ना चुकानी पड़े...!!
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